छात्र-जीवन में सफलता (Chhatra-Jivan Me Safalta)

SKU EBH223

Contributors

Swami Purushottamananda, Swami Videhatmananda

Language

Hindi

Publisher

Ramakrishna Math, Nagpur

Pages in Print Book

52

Print Book ISBN

9789385858192

Description

इस ग्रन्थ में चार अध्याय हैं । अध्ययन में मन को एकाग्र करना आज के छात्र-छात्राओं की एक बड़ी समस्या है । इस पुस्तक के ‘एकाग्रता का रहस्य’ नामक पहले अध्याय में इसी विषय पर कुछ व्यावहारिक सुझाव दिये गये हैं । इसका हिन्दी अनुवाद श्री एस. के पाढ़ी तथा प्रदीप नारायण शर्मा ने किया है । इसके अलावा छात्रों को जीवन के कुछ अन्य पहलुओं पर भी ध्यान देना पड़ता है तथा उनके साथ समायोजन करना पड़ता है । ‘एक विद्यार्थी के नाम पत्र’ नामक दूसरा अध्याय इसी पर प्रकाश डालता है । इसका अनुवाद श्रीमती निर्मल श्रीवास्तव ने किया है । आज के तकनीकी युग में, अनेक प्रकार के यंत्र तथा मनोरंजन के साधन अत्यन्त सुलभ तथा जीवन के अपरिहार्य अंग बन गये हैं; अत: अब इस बात पर ध्यान देना जरूरी हो गया है कि हम उनके लिये कितना समय दें, ताकि अध्ययन-कार्य में कोई बाधा न उपस्थित हो । ‘समय का सदुपयोग’ नामक तीसरा अध्याय इसी के उपाय बताता है । सही मन:स्थिती के बिना जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना टेढ़ी खीर है; ‘प्रार्थना या आत्म-सम्मोहन’ नामक चौथा अध्याय इसी का रहस्य प्रकट करता है ।

Contributors : Swami Purushottamananda, Swami Videhatmananda