देवतात्मा हिमालय (Devatatma Himalay)

SKU EBH144

Contributors

Dr. Sushama, Swami Akhandananda

Language

Hindi

Publisher

Ramakrishna Math, Nagpur

Pages in Print Book

118

Print Book ISBN

9789383751617

Description

स्वामी अखण्डानन्दजी भगवान श्रीरामकृष्ण देव के अन्यतम अन्तरंग संन्यासी पार्षद थे। पूज्यपाद स्वामी विवेकानन्दजी के वे विशेष प्रेमपात्र थे। ‘रामकृष्ण संघ’ आज समाज में विविध क्षेत्रों में विशेषत: रोग से आक्रान्त, अकाल, बाढ़ इत्यादि द्वारा दरिद्री तथा पीड़ित जनों की सेवा कर रहा है। पूजनीय स्वामी अखण्डानन्दजी महाराज ने असीम स्वार्थत्यागपूर्वक मुर्शिदाबाद गाँव में अकाल पीड़ितों की सेवा करके इसका मानो प्रारम्भ किया था। गभीर आध्यात्मिकता, सुविशाल हृदय और बालक सदृश सरल, निष्कपट स्वभाव के कारण महाराज सभी को अपने लगते थे। तेरह-चौदह वर्ष की आयु में ही वे भगवान श्रीरामकृष्ण देव के चरणों में उपस्थित हुए थे। स्वामी अखण्डानन्दजी ‘रामकृष्ण-संघ’ के तीसरे अध्यक्ष थे।

Contributors : Swami Akhandananda,  Dr. Sushama