Description
यह पुस्तक ‘Divine Grace’, का हिन्दी अनुवाद है। रामकृष्ण संघ के महाध्यक्ष श्रीमत् स्वामी रंगनाथानन्दजी महाराज द्वारा प्रदत्त एक व्याख्यान का यह अनुवाद है। २० जून १९७८ में महाराज जी ने ‘बीकॉन योग सेन्टर, शिवानन्द आश्रम, पर्थ, वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया’ के सदस्यों के सामने यह व्याख्यान दिया था। सभी प्रमुख धर्मों में इस ‘दैवी कृपा’ को महत्त्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इसका स्वरूप तथा इसका आध्यात्मिक जीवन पर होने- वाला प्रभाव इसके बारे में विस्तृत विवेचन इस पुस्तक में किया गया है।
Contributors : Swami Ranganathananda, Dr. Leena Rastogi