Description
स्वामी तेजसानन्द द्वारा लिखित The Holy Jayrambati Matrimandira का यह हिन्दी अनुवाद है।श्रीमाँ सारदादेवी भगवान् श्रीरामकृष्ण परमहंसदेव की लीलासहर्धिमणी थीं। उन्होंने बंगाल के बाँकुड़ा जिले के इस छोटे से ग्राम में जन्म ग्रहण कर के उस सम्पूर्ण अञ्चल को पावन किया था, आज उन्हीं श्रीमाँ सारदादेवी की ईश्वरीय मातृमहिमा का प्रकाश सम्पूर्ण विश्व को व्याप्त किये हुए है। परिणामस्वरूप आज जयरामबाटी ग्राम एक शक्तिपीठ के रूप में विख्यात है। आसपास के तथा सुदूर देश-देशान्तर के लोग इस विश्वजननी के जन्म, निवास तथा उनकी चरणरज से पवित्र हुए इस स्थान के माहात्म्य को अपने हृदय में धारण करके दल के दल बाँधकर अनायास ही ऐसे खिचें चले आते हैं जैसे मानो वे अपनी दिव्य माँ की स्नेहमयी गोद में बैठकर अलौकिक मातृप्रेम का आनन्द पाना चाहते हैं।
विद्वान लेखक ने इस छोटी-सी पुस्तक में श्रीमाताजी की सारर्गिभत संक्षिप्त जीवनी के साथ इस तीर्थक्षेत्र में आनेवाले तीर्थयात्रियों के लिये श्रीमाँ तथा श्रीरामकृष्ण की दिव्य-लीला से जुड़े अनेक स्थानों का भी परिचय दिया है।
Contributors : Swami Tejasananda, Swami Rajendrananda