प्रभु परमेश्वर जब रक्षा करें (Prabhu Parmeshwar Jab Raksha Karein)

SKU EBH166

Contributors

Swami Japananda

Language

Hindi

Publisher

Ramakrishna Math, Nagpur

Pages in Print Book

67

Print Book ISBN

9789353180423

Description

स्वामी जपानन्द जी रामकृष्ण संघ के एक वरिष्ठ संन्यासी थे । उनका जन्म ५ मई १८९८ ई. को बुद्ध-पूर्णिमा के दिन हुगली जिले के चन्दननगर में हुआ था । १९१२ ई. से ही उनका बेलूड़ मठ में आना-जाना लगा रहता था । १९१६ ई. में वे गृहत्याग करके मठ में आ पहुँचे । उन्हें स्वामी ब्रह्मानन्द, स्वामी प्रेमानन्द, स्वामी शिवानन्द तथा स्वामी सुबोधानन्द का विशेष स्नेह प्राप्त हुआ । २२ अगस्त, १९१८ के दिन उन्हें माँ श्री सारदा देवी से मंत्रदीक्षा तथा १९२० ई. में वाराणसी में स्वामी ब्रह्मानन्द जी से संन्यास-दीक्षा प्राप्त हुई थी । वे रामकृष्ण मठ के ढाका तथा राजकोट आश्रमों के अध्यक्ष रहे । उन्होंने कई आपदा-राहत कार्यों का भी संचालन किया । १९३६ ई. में ‘श्रीरामकृष्ण-जन्म-शताब्दी’ तथा १९५३ ई. में ‘श्री सारदादेवी-जन्म-शताब्दी’ के अवसर पर उन्हें प्रचार-कार्य सौंपा गया था, जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक सम्पन्न किया । २६ फरवरी, १९७२ ई. वे ब्रह्मलीन हुए ।
संन्यास के पूर्व उन्होंने ईश्वर की खोज में उन्हीं पर निर्भर होकर एक अकिंचन परिव्राजक के रूप में काफी भ्रमण किया था । उनके अनुभवों से कदाचित् अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिले तथा उपकार हो, इस दृष्टि से उन्होंने ‘प्रभु परमेश्वर जब रक्षा करें’ शीर्षक से अपनी भ्रमण-गाथा लिखी।

Contributors : Swami Japananda