Description
“Silence as Yoga” नामक पुस्तक का हिन्दी अनुवाद है। इस पुस्तक के लेखक स्वामी परमानन्द स्वामी विवेकानन्दजी के शिष्य थे। उन्होंने विदेश में अनेक वर्ष तक श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द तथा वेदान्त की भावधारा का प्रचार एवं प्रसार किया। उन्होंने अध्यात्मविज्ञान के विविध पहलुओं पर प्रकाश डालने वाली अनेक पुस्तकें लिखी हैं। हमारा कितना समय और कितनी शक्ति वृथा बातों में ही चली जाती है। हमारे समय तथा शक्ति को ठीक प्रकार से परिचालित कर हमारा बोध ‘मौन योग’ में परिणत होता है। यह हमें ईश्वरसाक्षात्कार के मार्ग में अग्रसर करता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए स्वामी परमानन्दजी ने यह पुस्तक लिखी है।
Contributors : Swami Paramananda, Sri Ramakumar Gauda