रामकृष्ण मिशन उद्गम और उद्भव (Ramakrishna Mission: Udgam Aur Udbhav)

SKU EBH280

Contributors

Compilation, Dr. Sureshachandra Sharma

Language

Hindi

Publisher

Ramakrishna Math, Nagpur

Pages in Print Book

320

Print Book ISBN

9789393251336

Description

यह रामकृष्ण मिशन की कहानी है जिसमें रामकृष्ण मिशन के द्वारा की गई मानवता की प्रेममयी सेवा अथवा स्वामी विवेकानन्द के शब्दों में उस ईश्वर की सेवा है जिसे अज्ञानी लोग मनुष्य कहते हैं, का वर्णन किया गया है। यह रामकृष्ण मिशन का इतिहास नहीं जिसमें बाह्य घटनाओं का वर्णन किया जाता है। इसमें उस आध्यात्मिक परिवर्तन की बात कही है जो श्रीरामकृष्ण के सान्निध्य से कुछ लोगों के जीवन में और विशेषकर किशोर नरेन्द्रनाथ के जीवन में आता था। इस परिवर्तन का परिणाम ही वह संगठन है जिसे हम रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के नाम से जानते हैं। रामकृष्ण मिशन आज अपने १२५ वर्ष पूरे कर चुका है। यह एक संन्यासी संगठन है जो चार योगों ज्ञान, भक्ति, कर्म और योग के समन्वय पर बल देता है। पूर्ण व्यक्तित्व विकास के लिए समन्वित योग की आवश्यकता है और समय की माँग भी है। व्यक्ति में अन्तःपरिवर्तन, योगसमन्वय, भारत की नियत, मानवजाति की आध्यात्मिक परिणति और इसके लिए सामूहिक प्रयास ये ही प्रकाशन के पंचप्राण हैं। रामकृष्ण मिशन के १२५ वर्ष के समापन समारोह और भारत की आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर यह प्रकाशन पाठकों को प्रेरित करेगा ऐसी हमारी आकांक्षा है।

Contributors : Compilation, Dr. Sureshachandra Sharma