व्यक्तित्व का विकास (Vyaktitva Ka Vikas)

SKU EBH153

Contributors

Swami Videhatmananda, Swami Vivekananda

Language

Hindi

Publisher

Ramakrishna Math, Nagpur

Pages in Print Book

57

Print Book ISBN

9788192814148

Description

वास्तविक ‘व्यक्तित्व’ किसे कहते है, इस विषय में हम लोग काफी अनभिज्ञ हैं। हम यह नहीं जानते कि व्यक्तित्व के विकास का संबंध हमारी मूल चेतना अथवा हमारे ‘अहं’ से है। अत: यह देखने में आता है कि व्यक्तित्व के विकास के नाम पर केवल बाहरी, दिखावटी रूप पर ही बल दिया जाता है। इस पुस्तक में हम इसी विषय पर स्वामी विवेकानन्दजी के उपयुक्त विचार प्रस्तुत कर रहे हैं। स्वामी विवेकानन्द साहित्य से उपरोक्त विचारों का संकलन किया गया है।

Contributors : Swami Vivekananda, Swami Videhatmananda