Description
यह पुस्तक बंगाल के प्रसिद्ध लेखक श्री सत्येन्द्रनाथ मजूमदार की मूल पुस्तक ‘विवेकानन्द-चरित’ का अनुवाद है। स्वामी विवेकानन्द भारत के महान् सन्त थे, जिनके हृदय में स्वदेश-प्रेम की आग्नि सतत प्रज्वलित रहती थी। उन्होंने भारतीय और विश्व संस्कृति के पुनरुद्धार और विकास में अमूल्य योग-दान दिया है। आध्यात्मिक उपदेष्टा तथा राष्ट्रनिर्माता के रूप में उनका भारतीय इतिहास में अत्यन्त उच्च तथा स्पृहणीय स्थान है। उन्होंने हिन्दू-धर्म को नव-जीवन से अनुप्राणित किया, पाश्चात्य देशों को वेदान्त के सत्य से अवगत किया तथा विश्वविख्यात ‘रामकृष्ण मिशन’ को प्रस्थापित कर ‘‘आत्मनो मोक्षार्थं जगद्धिताय च’’ के उच्च आदर्श के अनुसार सेवा के महत्त्व को प्रचारित किया। उनके सन्देश तथा उनके दैवी एवं अतुल शक्तिशाली व्यक्तित्व ने नव भारत को नये ढाँचे में ढाला है, जिससे वह उनका सदैव कृतज्ञ रहेगा। हमारा विश्वास है कि स्वामी विवेकानन्द का यह जीवनचरित हिन्दी जनता को स्फूर्ति प्रदान करेगा तथा अपना उद्देश्य पूर्ण करने में सफल होगा।
Contributors : Sri Satyendranath Majumdar, Pt. Mohini Mohan Goswami