Description
रामकृष्ण मठ तथा रामकृष्ण मिशन के ग्यारहवें महाध्यक्ष तथा कई विद्वत्तापूर्ण जनप्रिय ग्रन्थों के रचयिता पूज्यपाद स्वामी गम्भीरानन्दजी द्वारा बंगला में रचित स्वामी विवेकानन्दजी की अत्यन्त प्रामाणिक और सुविस्तृत त्रिखण्डात्मक जीवनी ‘युगनायक विवेकानन्द’ इस दृष्टि से विशेष उपयुक्त प्रतीत हुई। सहज सरल भाषा में लिखित होने के बावजूद इस ग्रन्थ में स्वामीजी के जीवन का अति सारगर्भित विवेचन किया है। काफी परिश्रमपूर्वक सभी ओर से प्राप्त तथ्यों की पूरी तरह छान-बीन कर ग्रन्थकार ने उन्हें यथोचित स्थान दिया है। स्वामी विवेकानन्दजी के सभी चरित्र-ग्रन्थों में इस ग्रन्थ का स्थान सर्वोपरि है, ऐसा कहना अत्युक्ति नहीं होगी
Contributors : Swami Gambhirananda, Swami Videhatmananda, Dr. Kedarnatha Labha