Description
भगवान श्रीरामकृष्ण के सभी शिष्य — चाहे वे संन्यासी हो या गृही, पुरुष हो या स्त्री — अपने अपने जीवन में आध्यात्मिकता को सजीव बनाये हुए जनसाधारण का अशेष कल्याण साधन कर गये हैं। उनकी जीवनियाँ वर्तमान युग के मानवों के लिए दीपस्तम्भस्वरूप एवं परम प्रेरणादायी हैं। अत्यन्त परिश्रम के साथ उपादानसंग्रह करके इस ग्रन्थ को सभी धर्मपिपासु नरनारियों के समक्ष रखा गया है।
Contributors : Swami Gambhirananda, Swami Videhatmananda